Tax और Cess में क्या अंतर होता है ?

 What is the difference between Tax and Cess ?

दुनिया के लगभग सभी देशों की सरकारें अपने नागरिकों से किसी न किसी तरह का कर (Tax) लेती हैं। हमारे देश में Income Tax और Goods and Service Tax (GST) इसका अच्छा उदाहरण हैं। इन करों से प्राप्त राशि का उपयोग सरकारी खर्चों को उठाने व देश में जनहित के कार्यों को संपादित करने में किया जाता है।


लेकिन यदि आपने ध्यान दिया होगा तो पाया होगा कि कभी कभी हमें tax के अलावा एक अन्य प्रकार का कर (उपकर) भी देना पड़ता है जिसे Cess के नाम से जाना जाता है। Health and Education Cess, Agriculture Cess जैसे शब्द आपने जरूर सुने होंगे। तो आपके दिमाग में ये प्रश्न जरूर उठता होगा कि ये Cess क्या बला है ? इसे सीधे सीधे टैक्स ही क्यों नहीं कहा जाता है ? आखिर भुगतान तो हम इसका टैक्स की तरह से करते ही हैं न !

तो इसका उत्तर यह है कि दरअसल Tax और Cess में अंतर (difference) होता है।


विभिन्न प्रकार के Taxes (जैसे Income Tax, GST, Central Excise आदि) के जरिये सरकार के पास जो राशि एकत्र होती है उसे एक समेकित फ़ंड में इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे बजट में प्रस्तावित किए गए अनुसार विभिन्न कार्यों या उद्देश्यों में खर्च किया जाता है। ये कार्य या उद्देश्य कुछ भी हो सकते हैं।

इसके बिलकुल अलग, Cess किसी एक विशेष क्षेत्र या मद के विकास के लिए इकट्ठा किया जाता है और इसके जरिये एकत्र हुआ सारा पैसा उसी मद में खर्च किया जाता है। ये मद ज़्यादातर समाज कल्याण से जुड़े होते हैं । Cess का पैसा किसी अन्य कार्य या उद्देश्य में खर्च नहीं किया जा सकता है, जबकि tax के साथ ऐसा नहीं है।

Tax और Cess में एक और अंतर होता है स्थायित्व का । Tax ज़्यादातर स्थायी होते हैं जैसे कि income tax, GST आदि। आप जब तक income करते रहेंगे तब तक टैक्स देते रहेंगे या व्यापार करते रहेंगे तो GST देते रहेंगे। इसके उलट Cess किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति होने तक ही लागू रहते हैं। उस उद्देश्य की पूर्ति हो जाने पर (पर्याप्त राशि इकट्ठा हो जाने पर) इन्हें हटा दिया जाता है।




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