बीस साल बाद - ओ. हेनरी की एक विश्वप्रसिद्ध कहानी | A Short story in Hindi by O. Henry

एक पुलिस ऑफिसर सड़क पर बड़ी फुर्ती से गश्त लगा रहा था. रात के अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे लेकिन हलकी हलकी बारिश और ठंडी हवा के कारण सड़क पर बहुत कम लोग नजर आ रहे थे. 

सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था. जब ऑफिसर उस गोदाम के नजदीक पहुंचा तो उसके दरवाजे के पास उसने एक आदमी को खड़े देखा. वह आदमी मुँह में बिना जला हुआ सिगार दबाये कुछ झुक कर खड़ा हुआ था. 

पुलिस ऑफिसर ने उस आदमी के पास जाकर उसे प्रश्नवाचक नजरों से देखा तो वह आदमी कहने लगा - "मैं यहाँ अपने एक दोस्त का इंतज़ार कर रहा हूँ. हमने 20 साल पहले यहाँ इस जगह मिलने का वादा किया था. आपको मेरी बात अजीब लग रही होगी लेकिन यह सच है."

यह कहकर वह आदमी माचिस की तीली जलाकर सिगार सुलगाने लगा. उस जलती हुई तीली के उजाले में पुलिस ऑफिसर ने उसका चेहरा देखा. उसका चेहरा पीला था, आँखों में चमक थी और दाहिनी भौंह के पास एक छोटा सा दाग था. उसके टाईपिन में एक हीरा कुछ अजीब ढंग से जड़ा हुआ था. 

उस आदमी ने आगे कहना शुरू किया - "बीस साल पहले यहाँ गोदाम नहीं था बल्कि इस जगह पर 'बिग जो' नाम का रेस्टोरेंट हुआ करता था." 

"आज से ठीक 20 साल पहले मैंने अपने सबसे अच्छे मित्र जिमी के साथ उस रेस्टोरेंट में खाना खाया था. उसी रात हम दोनों ने तय किया था कि अगली सुबह हम दोनों 20 वर्षों के लिए अलग अलग हो जायेंगे. इन 20 वर्षों में हम जीवन में कुछ बनने के लिए, कुछ पाने के लिए संघर्ष करेंगे और जो कुछ भी बन पायेंगे, बनेंगे. 20 वर्षों के बाद ठीक इसी समय, इसी जगह पर हम फिर मिलेंगे, चाहे हमें दुनिया के किसी भी कोने से आना पड़े." 

यह सुनकर पुलिस ऑफिसर बोला - "आपकी बात तो बड़ी दिलचस्प है. वैसे जब से आप जिमी से अलग हुए, क्या उसके बारे में आपको कुछ भी नहीं पता चला ?"

आदमी बोला - "कुछ समय तक तो हम एक-दूसरे को पत्र भेजते रहे लेकिन साल-डेढ़ साल के बाद यह सिलसिला धीरे - धीरे  बंद हो गया. पर मुझे पूरा विश्वास है यदि जिमी जीवित होगा तो मुझसे मिलने आज इस जगह पर जरूर आएगा. मैं एक हजार किलोमीटर दूर से उससे मिलने आया हूँ."

यह कहने के बाद उस आदमी ने अपनी घडी देखी. उसमें छोटे-छोटे हीरे जड़े हुए थे. 

पुलिस ऑफिसर ने अपना डंडा घुमाया और वहाँ से चला गया. 

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करीब 20 मिनट के बाद एक लम्बा सा आदमी जिसने ओवरकोट पहना हुआ था, उस आदमी के पास आया और बोला - "क्या तुम्हारा नाम बॉब है ?"

"ओह, क्या तुम जिमी वेल्स हो ?" इंतज़ार करने वाले आदमी ने ख़ुशी से लगभग चिल्लाते हुए कहा. 

लम्बे आदमी ने बड़े प्यार से उसके हाथों को अपने हाथों में थाम लिया और बोला - "हाँ बॉब, मैं जिमी हूँ. चलो, किसी अच्छी जगह पर बैठकर बातें करते हैं."

और दोनों एक - दूसरे का हाथ थामे हुए चल पड़े. 

दवाइयों की एक दूकान के सामने से गुजरते हुए उस दुकान की रौशनी में दोनों ने ठीक से एक-दूसरे का चेहरा देखा. 

बॉब को उस लम्बे आदमी का चेहरा कुछ संदेहास्पद लगा. फिर वह अचानक गुस्से से भड़कते हुए बोला - "तुम जिमी वेल्स नहीं हो सकते. मैं मानता हूँ कि 20 साल बहुत लम्बा अरसा होता है, लेकिन इतना लम्बा भी नहीं होता कि एक आदमी की नाक चौड़ी से पतली हो जाए !"

जवाब में लम्बा आदमी बोला - "ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता, लेकिन इतना पता है कि 20 सालों में एक अच्छा आदमी बुरा आदमी बन जाता है. 20 साल पहले तुम एक अच्छे आदमी थे, लेकिन आज बुरे आदमी बन गए हो. खैर, यह कागज़ लो और इसे पढो."

बॉब ने कागज़ का टुकड़ा उसके हाथ से ले लिया और पढने लगा. 

कागज़ को पूरा पढने के बाद उसके हाथ कांपने लगे. 

कागज़ में लिखा था - "बॉब, हम ने जहां मिलने का वादा किया था, वहां मैं बिलकुल ठीक समय से पहुंच गया था. पर जब तुमने सिगार सुलगाने के लिए दियासलाई जलाई तो मैंने तुम्हारा चेहरा देखा और मुझे यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि तुम वही आदमी हो, जिसकी तलाश शिकागो पुलिस कर रही है.

मुझे तुम्हें उसी वक्त गिरफ्तार कर लेना चाहिए था, लेकिन मैं तुम्हारा दोस्त होने के कारण यह काम नहीं कर सका. अब मैंने पुलिस के ही दूसरे आदमी को सादे कपड़ो में तुम्हें गिरफ्तार करने के लिए भेजा है."




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