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सैलानी बंदर - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Sailaani Bandar - A Munshi Premchand Story

जीवनदास नाम का एक गरीब मदारी अपने बंदर मन्नू को नचाकर अपनी जीविका चलाया करता था. वह और उसकी स्त्री बुधिया दोनों ही मन्नू को बहुत प्यार करते…


कप्तान साहब - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | KAPTAN SAHAB - A Munshi Premchand Story in Hindi

जगत सिंह को स्कूल जाना कुनैन खाने या मछली का तेल पीने से कम अप्रिय न था। वह सैलानी, आवारा, घुमक्कड़ युवक थां कभी अमरूद के बागों की ओर निकल…


बोहनी - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Bohani - A story by Munshi Premchand

उस दिन जब मेरे मकान के सामने सड़क की दूसरी तरफ एक पान की दुकान खुली तो मैं बाग-बाग हो उठा। इधर एक फर्लांग तक पान की कोई दुकान न थी और मुझे…


इस्तीफा - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Isteefa - A Munshi Premchand Story

दफ्तर का बाबू एक बेजबान जीव है। मजदूरों को ऑंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जाएगा। कुली को एक डाँट बताओं, तो सिर से बोझ फेंक कर…


ममता - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Mamata - A story by Munshi Premchand

बाबू रामरक्षादास दिल्ली के एक ऐश्वर्यशाली खत्री थे, बहुत ही ठाठ-बाट से रहनेवाले। बड़े-बड़े अमीर उनके यहॉँ नित्य आते-आते थे। वे आयें हुओं क…


मंत्र - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Mantra - A Short Story of Munshi Premchand

मंत्र (मुंशी प्रेमचंद की कहानी ) संध्या का समय था। डाक्टर चड्ढा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। मोटर द्वार के सामने खड़ी थी कि दो कहार …