उस दिन जब मेरे मकान के सामने सड़क की दूसरी तरफ एक पान की दुकान खुली तो मैं बाग-बाग हो उठा। इधर एक फर्लांग तक पान की कोई दुकान न थी और मुझे…
(सुप्रसिद्ध फ्रांसीसी लेखक कथाकार गाय दी मोपासां की एक हृदयस्पर्शी कहानी) एक ग़रीब सफ़ेद दाढ़ीवाला बूढ़ा भीख माँग रहा था। मेरे मित्र जोसेफ़…
'दशहरे की छुट्टियों में भैया घर आ रहे हैं, उनके साथ उनके एक मित्र भी हैं, जब से यह सूचना मिली है घरभर में आफत मची है। कल दिनभर नौकर-चा…
दफ्तर का बाबू एक बेजबान जीव है। मजदूरों को ऑंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जाएगा। कुली को एक डाँट बताओं, तो सिर से बोझ फेंक कर…
(बीसवीं सदी के सुप्रसिद्ध हिन्दी कथालेखक आचार्य चतुरसेन शास्त्री की एक लोकप्रिय कहानी) जी हाँ, हिंदुस्तान की आजादी और मेरी बरबादी एक ही साथ…
बाबू रामरक्षादास दिल्ली के एक ऐश्वर्यशाली खत्री थे, बहुत ही ठाठ-बाट से रहनेवाले। बड़े-बड़े अमीर उनके यहॉँ नित्य आते-आते थे। वे आयें हुओं क…